दिल्ली चुनाव में मिली हार गलत बयानबाजी के कारण- अमित शाह
अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान भाजपा के नेताओं को ‘गोली मारो’ और ‘भारत-पाक मैच’ जैसे बयान नहीं देना था। अमित शाह ने कहा- कि इस तरह के बयानों के कारण हीं पार्टी ने भारी कीमत चुकाई है। हमारी भारतीय जनता पार्टी ने इस तरह के बयानों से खुद को दूर कर लिया था।
अमित शाह ने आज एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में ऐसा बताया। उनसे जब सवाल पूछा गया था कि क्या दिल्ली के चुनाव प्रचार के दौरान आपके कुछ नेताओं ने इस तरह के बयान भी दिए थे। दिल्ली चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी कपिल मिश्रा ने भी कहा था कि 8 फरवरी यानी की वोटिंग के दिन दिल्ली में भारत-पाक मैच जैसा नजारा होगा। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने एक चुनावी सभा में गोली मारो के नारे भी अपने रैली में लगवाए थे।
चुनाव का मकसद सिर्फ विचारधारा को आगे बढ़ाना- अमित शाह
शाह ने कहा- हमने दिल्ली का चुनाव केवल जीत या हार के लिए नहीं लड़ा था। हमारी सोच चुनावों के जरिए अपनी साफ विचारधारा का प्रसार करना था। उन्होंने माना कि दिल्ली चुनाव में भाजपा को अपने कुछ नेताओं के बयानों की वजह से काफी बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। वे बोले, ‘‘यह संभव है कि इस सबके चलते चुनाव में हमारी परफॉर्मेंस पर काफी असर आया है।
हालांकि, दिल्ली के चुनाव को लेकर उनका आकलन गलत निकला है ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन इसे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस (एनआरसी) को लेकर दिया गया जनादेश नहीं माना जाना चाहिए किसी को भी।
किसी भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सबका अधिकार, पर हिंसा किसी भी किमत में बर्दाश्त नहीं करेंगे‘
उन्होंने कहा- एनआरसी को पूरे देश में लागू करने को लेकर अभी तक सरकार ने ऐसा कोई भी फैसला नहीं लिया। नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया के दौरान अगर कोई अपना दस्तावेज नहीं दिखाना चाहता है, तो वह इसके लिए स्वतंत्र है और रहेगा भी। एनआरसी का जिक्र भाजपा के घोषणा पत्र में भी नहीं किया गया है।
अमित शाह ने एनआरसी-सीएए पर हुए प्रदर्शन पर भी कहा है कि हम अहिंसक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सहन कर सकते हैं, लेकिन कभी भी कोई हिंसा और तोड़फोड़ को बर्दाश्त नहीं कर सकते। किसी भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन सबका लोकतांत्रिक अधिकार है।
किसी भी राजनिति दल को या किसी को भी जम्मू-कश्मीर जाने पर कोई रोक नहीं
अमित शाह ने कहा की जम्मू-कश्मीर में कोई भी जाने के लिए स्वतंत्र रहेगा, इनमें किसी भी दल के राजनेता और आम नागरिक भी शामिल हैं। किसी के जम्मू-कश्मीर आने-जाने पर कोई रोक नहीं है और ना कभी होगा।
तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारुक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को हिरासत में रखे जाने पर अमित शाह ने आज कहा इन सभी लोगों पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के तहत केस दर्ज करना स्थानीय प्रशासन स्तर पर लिया गया फैसला था जो उस समय सही था। उमर अब्दुल्ला मुख्यमंत्रि ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए हैं और अब वही से इसका फैसला लिया जाऐगा।