हर भारतीय को न्यायपालिका पर है बहुत आस्था प्रधानमंत्री मोदी ने आज अंतरराष्ट्रीय न्यायिक सम्मेलन मैं कहा
नरेंद्र मोदी ने कहा था गांधी का जीवन सत्य और सेवा पर समर्पित था जो किसी भी देश के न्याय तंत्र मजबूती मानी जाती है हमारे बापू गांधी भी खुद वकील थे उन्होंने अपने जीवन का पहला मुकदमा भी खुद ही लड़ा रहा है बापू ने अपनी आत्मकथा मैं पूरे विस्तार के साथ इसके बारे में वर्णन किया है.
प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक संघ के शुभारंभ किया उनके साथ केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस 21 मी सदी के तीसरे दशक की शुरुआत है.
यह तीसरे दशक भारत समेत पूरी दुनिया मैं होने वाले बदलावों के लिए है यह सभी बदलाव आर्थिक सामाजिक और तकनीकी के क्षेत्र में होगी. यह बदलाव संगत और न्याय संगत एवं सभी के हित में होगी.
पूज्य बापू गांधी का जीवन सेवा और सत्य पर समर्पित था, किसी भी न्याय तंत्र की नीव कहीं जा सकती है. बापू ने अपनी आत्मकथा में भी ऐसा लिखा है मोदी ने कहा कि हर भारतीयों की न्यायपालिका पर बहुत आस्था है हाल ही में कुछ ऐसे बड़े फैसले आए हैं जिसको लेकर पूरी दुनिया में भारत की चर्चा हुई है.
इस फैसले से पहले बहुत सारी आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी. लेकिन इसका हुआ क्या – भारत के सभी लोगों ने मैं इस न्यायपालिका द्वारा दिए गए फैसले को सहमति के साथ अपनाया और स्वीकार किया है.
मोदी ने इस सम्मेलन में कहा की बहुत सारी चुनौतियों के बाद भी हमने देश के संविधान के तीनों पिलर के लिए एक उचित रास्ता ढूंढा है. हमारे भारत में एक समृद्ध परंपरा विकसित हुई है इसका हमें गर्व है.
5 वर्षों में लगातार अलग-अलग संस्थाओं के द्वारा इस परंपरा को और भी मजबूत किया गया है देश में करीब 15,000 कानूनों को समाप्त किया गया है आज के आधुनिक दौर में प्रासंगिकता समाप्त हो रही है.
लेकिन हमने समाज को मजबूती देने के लिए नए कानून भी उतनी ही तेजी से बनाए हैं. भाजपा सरकार ने अति संवेदनशीलता के साथ इस काम को पूरा किया है.
उन्होंने इस कॉन्फ्रेंस पर खुशी भी जाहिर किया क्योंकि इसमें Gender Just World के विषय को भी रखा कोई भी समाज या देश Gender Justice के बिना विकास नहीं कर सकता है और ना ही न्याय प्रियता की दावा कर सकता है.
कुछ देशों को छोड़ दें तो भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहां स्वतंत्रता के बाद महिलाओं को स्वतंत्र रूप से वोट देने का अधिकार दिया है. आज 70 साल बाद भी आप देख रहे होंगे महिला चुनाव के इस दौर में शिखर स्तर पर पहुंच चुकी है.
मोदी ने आगे कहा कि इस परिवर्तन के दौर में भारत नित्य नई ऊंचाइयों को हमेशा छू रहा है और नई परिभाषा भी लिख रहा है पुराने अवधारणा को छोड़कर कहीं आगे बढ़ चुका है. पहले लोगों का मानना था कि विकास की तेजी और पर्यावरण की रक्षा एक साथ हो पाना संभव नहीं है लेकिन इस अवधारणा को भी भारत ने बदला है.
इस सम्मेलन में केंद्रीय कानून मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने संबोधन करते हुए कहा कि आतंकवादी भ्रष्ट लोगों को किसी भी तरह का निजता का अधिकार नहीं है साथ में उन्होंने यह भी कहा की निर्वाचित प्रतिनिधियों पर शासन की जिम्मेदारी छोड़ देनी चाहिए.