सुप्रीम कोर्ट ने प्रदान किया भारतीय कानून को संवैधानिक ढांचे की मजबूती- राष्ट्रपति कोविंद का बयान
लैंगिक न्याय के लक्ष्य पर रामनाथ कोविंद ने आगे बढ़ने के लिए भारतीय न्यायपालिका के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा की उच्चतम न्यायालय सक्रिय एवं प्रगतिशील हमेशा से रहा है।
ऐतिहासिक फैसलों से सुप्रीम कोर्ट के भारत के कानूनी एवं संवैधानिक ढांचे को मजबूती मिली है, श्री गोविंद राष्ट्रपति ने भारतीय भाषा को ध्यान में रखते हुए विभिन्न फैसलों में भाषाओं मैं उपलब्ध कराने के उच्चतम न्यायालय के प्रयासों को असाधारण बताया।
तथा उन्होंने 9 स्वदेशी भाषाओं में लाने के लिए उच्चतम न्यायालय की प्रशंसा स्वदेशी भाषाओं को उपलब्ध कराने के लिए की गई है।
विशाखा दिशा निर्देशों के संदर्भ में दिया गया कार्यस्थल पर महिलाओं के केयोन उत्पीड़न को रोकने के लिए लागू किया गया था उदाहरण स्वरूप राष्ट्रपति ने कहा लैंगिक न्याय के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उत्तम न्यायालय प्रगतिशील एवं सक्रिय हमेशा से रही है।
यौन उत्पीड़न रोकने के लिए ने कहा की 2 दशक से दिशा निर्देश जारी करने के लिए कहा सेना में महिलाओं को बराबरी देने का दर्जा के लिए अब इस महीने में निर्देश जारी करने तक सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक प्रगतिगतिशील परिवर्तन की अगुवाई की।