दिल्ली के सुप्रीम कोर्ट में आज सोमवार को शाहीन बाग में चल रही नागरिकता संशोधन (सीएए) के कानुन के खिलाफ अब तक धरना दे रहे सभी आंदोलनकारीयों को शाहीनबाग से हटाने के लिए दी गई याचिकाओं पर आज कोर्ट सुनवाई करेगी। दिल्ली चुनाव को नजर में रखते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली बेंच कमीटी तुरंत किसी भी तरह के आदेश को जारी करने से कोर्ट ने इंकार किया था।
लेकिन सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यह टिप्पणी किया गया था कि यह प्रदर्शन काफी लंबे समय से जारी है, ऐसे में आम रास्ते को अनिश्चित समय के लिए बंद नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल को फैसला देते हुस यह कहा कि भारत में आंदोलन करने का अधिकार सबका है, इससे किसी को परेशानी ना हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए।
दूसरे पक्ष को बिना सुने कोई आदेश जारी नहीं किया जा सकता है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि ऐसे प्रदर्शन निर्धारित स्थान पर कर सकते। वहीं शाहीनबाग मामले से जुड़े दूसरे पक्ष की भी बात सुनना जरूरी है। अत: कोर्ट तुरंत कोई भी आदेश जारी नहीं करेगा। कोर्ट ने शाहीनबाग मामले में केंद्र सरकार,दिल्ली सरकार और साथ-साथ दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा था।
शाहीनबाग प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में डाली गई है 3 याचिकाएं
दिल्ली शाहीन बाग में पिछले 60 दिनों से सीएए, एवं एनआरसी के विरोध में हो रहे है शांतिपुर्ण प्रदर्शन। इस प्रदर्शन के चलते यहॉं की मैन सड़क पर आवाजाही बंद की गई है। इलाके भीड़ के कारण शाहीनबाग की ट्रैफिक डाइवर्ट किया गया है जिससे लोगो को हो रही परेशानी के खिलाफ अमित साहनी वकील एवं भाजपा के नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में इससे खाली कराने के लिए याचिका दायर किया था।
इस प्रदर्शन मे माताओं ने अपने बच्चो के शामिल थी जिसके दौरान एक 4 माहीने की बच्चे की मौत हो गयी थी। जिसे एक छात्रा जो कि बहादुरी पुरस्कार प्राप्त कि हुई छात्रा जेन गुणरत्न सदावर्ते ने कोर्ट को चिट्ठी लिख कर कोर्ट का घ्यान इस और आक्रषित की थी। और कोर्ट ने इस मामले स्वत: संज्ञान भी लिया था।
दिल्ली के शाहीन बाग में लगातार दो महीने से यह धरणा दिया जा रहा है
दिल्ली के शाहीन बाग में सीएए एवं एनआरसी के विरूद्ध 15 दिसंबर २०१९ से हीं महिला बच्चों और बुजुर्ग समेत करीब हजारो की संख्या में लोग धरने पर अब तक बैठे है। 2 फरवरी २०२० को शाहीन बाग में दे रहे धरना के विरोध में स्थानीय लोगों के द्वारा प्रदर्शन किया गया।
जिसमें स्थानीय लोगो ने धरने पर बैठे लोगों पर यह आरोप लगाया कि ये सभी धरने कर रहें लोगो ने दिल्ली के नोएडा एवं कालिंदी कुंज के रास्ते को जोड़ने वाली इस सड़क पर कब्जा किये हुए है। जिस कारण काफी सारे लोगों को इस रास्ते से आने-जाने में काफी दिक्कत हो रही है इस लिए इस सड़क को जल्द-से-जल्द खाली करवाया जाए यह उन सभी की मांग थी।