जरा सी अनदेखी और जानकारी आपको साइटिका होने और साइटिका के दुष्प्रभाव से आप बाख सकते हैं, saitika से जुड़ी हुई कुछ जानकारी के बारे में जानते हैं, क्या हैं इसके लक्षण, बचाव और उपचार के तरीक़े।
साइटिका क्या है और कैसे होती है।
साइटिका ठेउने के दर्द, कमर दर्द, पैर दर्द आदि की एक ऐसी स्तिथी को कह सकते है, जो की सियाटिक नर्व दव जाने उतपन्न होती है सियाटिक नर्व पीठ के निचले हिस्से से शुरू हो कर पैरों के अंगूठे तक पहुंची हुई रहती है।
सियाटिक नर्व नस हमारी मांसपेशियों को ताकत देने के रूप में कार्य करती है किसी प्रकार से यह साईटिका नर्व नस अगर दब जाये तो हमारे आसपास के नसों को दबाने (प्रभाव डालना) की कार्य को शुरू कर देता है.
हमारी इसी बजह से कमर दर्द, ठेहुना, केहूँणी, पैर आदि जोड़ो में दर्द लगातार होने पर यह समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है, एक बजह यह भी है कि अगर आपके स्पाइनल (Spinal Cord) कॉर्ड का निचला हिस्सा अगर सकरा हो तो भी प्रायः ऐसी समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है।
रीढ़ की हड्डियों की जोड़ के बीच मौजूद कुसन का जेलीनुमा पदार्थ सूखने लगे तो हड्डिया का दूसरे पर दबाब बढ़ने लगता है इससे भी प्रायः ऐसी समस्या उत्पन्न हो जाती है।

जोड़ो में लगातार दर्द होने पर न करें इसे नजरंदाज – साइटिका भी हो सकता है
जोड़ में अगर लगातार दर्द हो रहा हो तो इसे नजरंदाज न करें हो सकता है की आपको साइटिका हो गया है अगर आपको बराबर कमर दर्द, ठेहुना में दर्द, पैर में दर्द, पीठ में दर्द आदि में दर्द हो तो तुरंत अपने नजदीकी चिकित्सक से चिकित्सकीय परामर्श लेना तय करें।